देखो बसंत 🌻आया है


🏵बिंदास बोल 🌻 वसंत विशेष🏵


देखो बसंत आया है
नवल हर्ष छाया है
बूढ़े-बच्चे सबका मन हर्षाया है
आसमान देखो दूर-दूर तक
नीलापन छाया है
सरसों की न पूछो हाथ पीले कर 
लग्न-मंडप में शर्मायी है
फागुन की प्रतीक्षा में
अपनी आभा बिखराई है
सुबासित खुशबू से 
प्रकृति महकाई है
चिड़िया चहकी,
मन ही मन बहकी
मधुर गुंजार से 
नभ भी देखो हर्षाया है
जिधर देखो उधर बहार का
मदमस्त आलम छाया है
ऐसे में अभिलाषा हो 
चरम पर अपनी
ऐसा आह्लादित मौसम आया है
रंग-बिरंगे फूलों की खुशबू में
गुनगुनी धूप सा मन 
प्रकृति की आगोश में समाया है
देखो बसंत आया है।
नवल हर्ष छाया है।।


🌻रेनू शब्दमुखर,जयपुर


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