बिना परीक्षा के कॉलेज छात्रों को अग्रसर करने की मांग : एनएसयूआई 


बिंदास बोल @ जयपुर (26 अप्रेल) : कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए अभूतपूर्व राष्ट्रीय बंद के कारण शैक्षणिक वर्ष बाधित हुआ है। शैक्षणिक कैलेंडर में देरी के साथ-साथ पाठ्यक्रम के काम को सही तरीके से पूरा किए बिना ऑनलाइन परीक्षा की संभावना के कारण एक वर्ष बर्बाद होने की संभावना के कारण  छात्रों के लिये ये बहुत चिंता विषय बन चुका है। एनएसयूआई ने पहले ही कहा है कि बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी के लिए अत्यधिक असमान पहुंच को देखते हुए ऑनलाइन परीक्षा में भेदभाव होने की संभावना है। शारीरिक कक्षा में पाठ्यक्रम के काम को पूरा किए बिना परीक्षा आयोजित करना भी अनुचित है। इस मौके पर एनएसयूआई के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी
लोकेश चुग ने बताया कि एनएसयूआई की ओर से निम्नलिखित मांगें रखी है।
💥प्रथम और द्वितीय वर्ष के सभी छात्रों को परीक्षा के बिना पदोन्नत किया जाना चाहिए। 
💥पाठ्यक्रम के लिए छूटी हुई अतिरिक्त कक्षाएं विश्वविद्यालयों के दोबारा खोलने के बाद आयोजित की जानी चाहिए।
💥फाइनल ईयर में छात्रों को 10% अतिरिक्त अंकों के साथ पिछले प्रदर्शन के आधार पर पदोन्नत किया जाना चाहिए क्योंकि यह देखा जाता है कि छात्र अंतिम वर्ष में अपने प्रदर्शन में सुधार करते है।


Comments