प्रवासियों को एक बार घर जाने का मौका दे केन्द्र सरकार : मुख्यमंत्री

💥गृह मंत्री शाह से की मांग..अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से हुई चर्चा


बिंदास बोल @ जयपुर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात कर प्रस्ताव दिया है कि लॉकडाउन के चलते राजस्थान में अटके प्रवासियों और विभिन्न प्रदेशों में रह रहे राजस्थानियों को एक बार अपने घर जाने का मौका दिया जाए। गृह मंत्री ने इस पर मंत्रालय के अधिकारियों से बात कर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। साथ ही, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वार्तालाप कर कोटा में कोचिंग के लिए रह रहे छात्रों को गृह राज्य पहुंचाने के योजना पर काम किया जा रहा है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, आसाम और गुजरात के मुख्यमंत्रियों ने इस पर सहमति दे दी है। जल्द ही इन राज्यों के छात्र अपने घर के लिए रवाना होंगे।


गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया प्रतिनिधियों के साथ वार्ता के दौरान कहा कि पूरे देश में लोग फंसे हुए हैं और उनकी घर जाने की मांग पर संवेदशीलता के साथ निर्णय करने की जरूरत है। केन्द्र सरकार से इस विषय पर कई बार चर्चा की गई है और अब सोमवार को केन्द्रीय गृह मंत्री से भी फोन पर गंभीर विमर्श हुआ है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के प्रवासी अपने गृह राज्य से गहरा लगाव रखते हैं और सुख-दुख में हमेशा आते-जाते रहते हैं। इसीलिए देशभर में जो प्रवासी राजस्थानी हैं, राज्य सरकार उन्हें भी एक बार अपने गांव आने का अवसर देने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के विभिन्न जिलों से आकर कोटा में कोचिंग कर रहे 4,000 बच्चों को भी जल्द ही उनके जिलों में भेजा जाएगा।


केन्द्र सरकार गेहूं के भण्डारों से अधिक अनाज आवंटित करे 


मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि लॉकडाउन की अवधि मेें राशन सामग्री की मांग अधिक बढ़ गई है, क्योंकि बड़ी संख्या में परिवार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से वितरित होने वाले गेहूं की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार ने केन्द्र से राशन का अधिक गेहूं जारी करने का प्रस्ताव दिया है, ताकि इस संकट काल में कोई भी व्यक्ति भूख से पीड़ित ना रहे। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के भण्डार गेहूं से भरे पड़े हैं और नई फसल भी आने वाली है। ऎसे में, मुझे उम्मीद है कि केन्द्र सरकार इस मांग पर भी जल्द ही सकारात्मक निर्णय लेकर राज्यों को राशन के लिए अधिक गेहूं जारी करेगी। 


गहलोत ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद 16 अप्रैल से शुरू हो चुकी है। इस बार राज्य सरकार ने एफसीआई के खरीद केन्द्रों की संख्या 204 से बढ़ाकर 300 की है, जिनके माध्यम से भारत सरकार 17 लाख टन गेहूं खरीदेगी। राजस्थान सरकार विशेष प्रयास कर रही है कि मण्डियों में किसानों को उनकी फसल का पूरा दाम मिले और एमएसपी से नीचे खरीद नहीं हो।


बेसहारा व्यक्ति हमारा ‘टारगेट ग्रुप‘, वंचितों की हर संभव सहायता करेंगे गहलोत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जब तक अर्थव्यवस्था की गाड़ी पटरी पर नहीं आएगी तब तक राजस्थान सरकार वंचितों की हर संभव सहायता करेगी। बेसहारा और किसी भी सामाजिक सुरक्षा योजना से वंचित व्यक्ति हमारा ‘टारगेट ग्रुप‘ है और इनकी मदद करना हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग की समस्याएं अलग हैं, निम्न मध्यम वर्ग की समस्याएं अलग हैं। राज्य सरकार सभी वर्गों की बेहतरी के प्रयास कर रही है, लेकिन अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में केन्द्र सरकार की भूमिका बड़ी है। विभिन्न राज्यों ने केन्द्र सरकार को मदद के लिए कई पत्र लिखे हैं और राहत पैकेज की मांग की है। मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार इस पर काम कर रही होगी और जल्द ही राज्यों को आर्थिक सहायता के लिए घोषणा की जाएगी।


वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री डॉ रघु शर्मा, मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस वार्ता का संचालन किया।


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