बिंदास बोल @ कविता
✍बबिता शर्मा
अबकी बरस सावन में
आ जाना पिया..
मेह बरसे चहुँ ओर
मन मेरा भी प्यासा पिया..
कोयल भी कुहके साजन
मोर मतवारा नाचे पिया..
संग की सखियाँ भीगे
छेड़े मतवारे गीत पिया..
कैसे भीगूँ इस सावन में
तुम जो संग मेरे नही पिया..
झूले पड़े नीम की डाली
कैसे झुलूँ बोलो पिया..
संग की सखियाँ दे रही ताली
मैं खड़ी -खड़ी देखूँ पिया
सावन बीते भादो बीते
नैनन बरसे मेह पिया।।
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