💥दिगम्बर जैन धर्मावलंबियों ने मनाया घर मे मनाया रोट तीज का पर्व
💥मंदिरों के बन्द रहते श्रद्धालु नही चढ़ा पाये ठाकुर जी को पहला रोट
💥घरो में ही की तीन चौबीसी पूजा विधान
बिंदास बोल @ जयपुर : दिगम्बर जैन धर्मावलंबियों का रोटतीज पर्व शुक्रवार को भक्ति भाव से मनाया गया । कोरोना संक्रमण के चलते जैन मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बन्द होने के कारण घरों में ही तीन चौबीसी पूजा विधान किया गया। दिगम्बर जैन बन्धुओं ने घरों में रोट-खीर व्यंजन बनाये। अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन परिषद् के महामंत्री विनोद जैन 'कोटखावदा 'ने बताया कि हर घर में रोट, खीर व तूरई का रायता बनाया गया लेकिन धर्मस्थल श्रद्धालुओं के लिए बन्द होने से मंदिर मे ठाकुर जी के दर्शन नही हो पाये। जैन बन्धुओं ने घरों में रोट खीर बनाकर पहला रोट मंदिर के बाहर से चढ़ाकर गाय को खिलाया। सरकारी दिशा निर्देशो के चलते मंदिर जी मे ठाकुर जी को पहला रोट अर्पित नही किया गया।
💥वही समाजसेविका दीपिका जैन 'कोटखावदा' ने बताया कि रोट तीज की शुरुआत भट्टारक परम्परा से हुई है। रोट तीज पर पहला रोट मंदिर जी मे चढाया जाता है, फिर घर के मुखिया व बड़े लोगो को सर्व प्रथम रोट,बूरा, खीर व रायता खिलाया गया। इसके अलावा अन्य धर्मावलंबियों, मित्रों को रोट खीर खिलाने से पुण्य का बन्ध होता है व अक्षय निधि की प्राप्ति होती है। रोट तीज पर महिलाओं द्वारा अक्षय निधि की प्राप्ति के लिए 3 वर्ष तक रोट तीज का व्रत किया जाता है। इस मौके पर रोट तीज व्रत कथा का वाचन किया गया।
विनोद जैन ने बताया कि शुक्रवार को ही लब्धि विधान तेले का अन्तिम उपवास किया गया । इसी दिन कई महिला श्रद्धालुओं द्वारा रोट तीज व चौबीसी व्रत किया गया । इसे त्रेलोक्य(त्रिलोक) तीज भी कहते है । इस दिन तीनों काल के 108 जाप भी किये जाते हैं।
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