दिवंगत अभिषेक को न्याय दिलाने के लिये पत्रकारो का धरना प्रदर्शन जारी


💥महिला पत्रकार के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने पर गुंडो द्वारा हुए हमले मे पत्रकार अभिषेक सोनी की बुधवार को हुई मौत, इस दर्दनाक घटना से पत्रकारो मे रोष

बिंदास बोल @ जयपुर : मानसरोवर थाना इलाके मे 8 दिसम्बर की रात को पत्रकार अभिषेक सोनी और पत्रकार महिला साथी पर हुए हमले में करीब 15 दिनों तक वेंटिलेटर पर रहे गंभीर घायल पत्रकार अभिषेक सोनी निवासी ऋषि गालव नगर गलता गेट की बुधवार देर शाम को इलाज के दौरान एस एम एस ट्रॉमा हॉस्पिटल में मौत हो गई है। इसके विरोध मे दिवंगत के परिवारजन व कई पत्रकार साथियो ने न्याय दिलाने के लिये धरना-प्रदर्शन किया है। ये पत्रकार जगत व महिलाओ के लिए बेहद दुखद व दर्दनाक घटना है। सरकार व पुलिस प्रशासन ने पत्रकार व महिला सुरक्षा के लिये कई घोषणाए की है। महिला सुरक्षा को लेकर 2 माह से पुलिस के लगातार अभियान चलाए जा रहे है। रोजाना महिला हैल्पलाइन नम्बर को बैनर व सोशल मिडिया के जरिए व "आवाज" कार्यक्रम एवं "निर्भया स्क्वाड" के जरिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसके वाबजूद बार-बार ऐसी दर्दनाक घटनाए लगातार हो रही है। सरकार व पुलिस अब तक मौन क्यो बैठी है। क्यो जयपुर मे महिलाए आज भी सुरक्षित नही है। आज भी अकेले जीवनयापन करने वाली महिलाओ को हर दिन संघर्ष से गुजरना पडता है। पत्रकार कौम जो समाज के लिये आवाज उठता है, समाज के लिये संघर्ष करता है, क्यो उसे अपने न्याय के लिये बार-बार धरना-प्रदर्शन करना पडता है। पत्रकार व महिला सुरक्षा की धज्जिया उडाती इस घटना पर क्यो सरकार व पुलिस अब तक कठोर कदम नही उठा रही है। क्या ये महिला सुरक्षा केवल अभियानो तक ही सीमित है? क्यो महिला हैल्प लाईन नम्बर 112 व 1090 पर महिलाओ की शिकायतो पर कठोर कदम उठाये नही जाते है। क्यो उनकी शिकायते गोपनीय रखकर उन्हे थाने ना बुलाकर उनके द्वारा की गई शिकायतो पर तुरंत व कठोर कार्यवाही नही की जाती है। सरकार व पुलिस प्रशासन कब सचेत होगा। कब तक ऐसी दर्दनाक घटनाओ के न्याय के लिये धरना-प्रदर्शन करना पडेगा। इसी तरह अपराधी क्या पुलिस की टैग लाइन "अपराधियो मे भय व जनता मे विश्वास" की धज्जिया उडाते नज़र आएगे ?

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