कवयित्रियों ने प्रस्तुत की बसंत की मधुरता, प्रेम, उल्लास पर रचनाए


बिंदास बोल @ जयपुर : राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान की ओर से वार्षिक उत्सव बसंतोत्सव उमंग व उल्लास के साथ मनाया । कोरोना महामारी के कारण एक लंबे अंतराल के बाद संस्थान में समारोह का आयोजन हुआ जिसमें बड़ी संख्या में जयपुर की लेखिकाओं ने भाग लिया।

समारोह की अध्यक्षता हिंदी और राजस्थानी भाषा की सुप्रसिद्ध साहित्यकार शारदा कृष्ण ने की। मुख्य अतिथि के रुप में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जयपुर के साहित्यकार प्रबोध गोविल एवं विशिष्ट अतिथि साहित्यकार व संगीत निर्देशक अशोक मुखर्जी ने शिरकत की। समारोह का शुभारंभ रत्ना शर्मा की सुमधुर सरस्वती वंदना के साथ हुआ।


इसके उपरांत काव्य गोष्ठी के द्वारा संस्थान की कवयित्रियों ने बसंत की मधुरता, मादकता, प्रेम, महकता, उल्लास तथा अप्रतिम सौंदर्य पर उषा नांगिया, कल्पना गोयल, सविता चतुर्वेदी, रेनू शब्दमुखर, रत्ना शर्मा, सलोनी, शशि सक्सेना, सुशीला शर्मा, मनोरमा माथुर, डॉ अंजू सक्सेना, जयश्री कंवर, पुष्पा माथुर, जीनस कंवर, वीना द्रोन, कृष्णा रावत, डॉ सुषमा शर्मा अपनी अपनी भावभीनी कविताएं प्रस्तुत की। मीडिया प्रभारी पूनम सेठी ने बताया समारोह में संस्थान की  संस्थान की वरिष्ठ सदस्य सुशीला शर्मा करुणाश्री और कृष्णा रावत की पुस्तक का विमोचन भी किया गया । संस्थान के प्रबंध निदेशक सुधीर उपाध्याय ने अतिथियों का माल्यार्पण किया तथा संस्थान की अध्यक्ष डॉ जयश्री शर्मा द्वारा स्वागत किया गया।


सहसचिव रेनू शब्दमुखर ने नव सदस्यों का कुंकुम लगाकर  स्वागत किया। मंच संचालन संगीता गुप्ता ने किया व आभार प्रदर्शन संस्थान की सचिब डॉ.सुषमा शर्मा ने किया।

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