✍️ डॉ.भैरों सिंह गुर्जर ✍️
आज ही के दिन 30 मई 1826 को कोलकाता से जुगल किशोर शुक्ल के द्वारा हिंदी भाषा का पहला समाचार पत्र उदंत मार्तंड का प्रकाशन हुआ था इसी कारण 30 मई को समाचार पत्र दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
💥भारतीय समाचार पत्रों का इतिहास
भारत में प्रिंटिंग प्रेस 1556 में पुर्तगाली लेकर आए थे, 1776 मे आधुनिक भारतीय प्रेस का विकास प्रारंभ हुआ, दी बंगाल गजट 1780 मे जेम्स आगस्टस हिक्की नामक अखबार निकाला जो भारत का पहला समाचार पत्र था, 1816 मे गंगाधर भट्टाचार्य द्वारा बंगाल गजट किसी भारतीय द्वारा अंग्रेजी में प्रकाशित पहला समाचार पत्र था।
1818 मे मार्शमैन ने बंगाली भाषा में दिग्दर्शन नामक मासिक समाचार पत्र का प्रकाशन किया भारत में स्वतंत्र तथा तटस्थ पत्रिका के जन्मदाता जेम्स मिल बर्किघंम थे इन्होंने 1818 में कलकता जनरल नामक अखबार निकाला तथा भारतीय प्रेस को आधुनिक रूप दिया।
राजा राममोहन राय ने बंगाली भाषा में संवाद कौमुदी नामक समाचार पत्र तथा फारसी भाषा में मिरातुल अखबार प्रकाशित किए।
ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने 1859 में बंगाली भाषा में सोम प्रकाश का प्रकाशन किया सोम प्रकाश एकमात्र ऐसा समाचार पत्र था जिनके विरूद्ध लॉर्ड लिटन का वर्नाकुलर प्रेस एक्ट लागू हुआ था।
Vernacular Press Act 1878 के तहत लिटन ने भारतीय भाषा में समाचार पत्रों को प्रतिबंधित कर दिया सुरेंद्रनाथ बनर्जी ने इसे "आकाश से होने वाले वज्रपात के समान बताया" मोती लाल घोष का अमृत बाजार पत्रिका वर्नाकुलर प्रेस एक्ट से बचने के लिए रातों रात अंग्रेजी में तब्दील हो गया, पायनियर समाचार पत्र जिसके ऊपर अंग्रेजों की कृपा दृष्टि थी का वर्नाकुलर प्रेस एक्ट को समर्थन था
पत्रकारिता के लिए सजा पाने वाला पहला भारतीय सुरेंद्रनाथ बनर्जी था, 1867 में भारतेंदु हरिश्चंद्र ने बनारस से कविवचन सुधा का प्रकाशन किया भारतेंदु हरिश्चंद्र को आधुनिक हिंदी भाषा का पिता कहा जाता है बाल गंगाधर तिलक ने अंग्रेजी भाषा में मराठा तथा मराठी भाषा में केसरी नामक समाचार पत्र निकाले, एनी बेसेंट ने न्यू इंडिया तथा कॉमन वील नामक समाचार पत्रों का संपादन किया था एस एस सेन द्वारा इंडियन मिरर नामक समाचार पत्र जो उत्तर भारत का किसी भी भारतीय द्वारा संपादित दैनिक प्रकाशित होने वाला एकमात्र पत्र था ,पंजाबी लाला लाजपत राय का समाचार पत्र था।
❄गांधी जी का यंग इंडिया नामक समाचार पत्र बाद में हरिजन तथा नव जीवन नामक पत्र बाद में हरिजन बंधु में परिवर्तित हो गया , इंडियन ओपिनियन इनका अन्य समाचार पत्र था, सुधारक गोपाल कृष्ण गोखले, वॉइस ऑफ इंडिया दादाभाई नौरोजी, मूक नायक भीमराव अंबेडकर, द हिंदुस्तान टाइम्स के एम पन्निकर प्रताप नामक समाचार पत्र कानपुर से गणेश शंकर विद्यार्थी द्वारा, गदर का प्रकाशन 1913 में हिंदी, उर्दू , गुरुमुखी और गुजराती भाषा में प्रकाशित होता था ये अन्य प्रमुख संपादित समाचार पत्र थे।
❄1799 मे लार्ड वेलेजली ने एक अधिनियम द्वारा समाचार पत्रों पर पहली बार सेंसर लगाया था, लार्ड हेस्टिग्ज ने 1818 में इसे समाप्त कर दिया, जनरल एडम्स जो एक कार्यवाहक गवर्नर जनरल थे ने 1823 मे अनुज्ञप्ति नियम बनाया और राजा राममोहन राय का मीरात उल अखबार बंद करवा दिया। चार्ल्स मेटकाफ को भारतीय समाचार पत्रों का मुक्तिदाता कहा जाता है।
"गैगिंग एक्ट" वर्नाकुलर प्रेस एक्ट का उपनाम.. इसे 1882 में लार्ड रिपन ने समाप्त करवा दिया था
हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
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