बिंदास बोल @ जयपुर : जन्माष्टमी के अवसर पर कलाकार नीरू छाबडा ने 101 चावल पर सूक्ष्म लेखन कर "प्रथम सत्याग्रही श्रीकृष्ण" की कलाकृति बनाई। उन्होने कलाकृति मे ब्रश से चावल पर लिखा.."एक साथ देह और आत्मा के लिए होकर रहना ही, श्रीकृष्ण की लीला है ।
देवकी से देह धारण है, यशोदा से उनका निर्माण है, नंद उनके दुलार हैं, राधा उनकी आत्मा, प्रेरणा है ।
प्रेम और करुणामय श्रीकृष्ण अधरों पर बांसुरी लिए रहते हैं वही श्रृंगार है । बांसुरी की धुन आत्मा की आवाज़ है ।
धर्म की रक्षा के लिए गीता, गांडीव को मान्य किए देती है, हाथ में सुदर्शन चक्र हो जाता है । कृष्ण कर्मयोग हैं, स्थित प्रज्ञ हैं जहां हैं वहां होकर भी नही हैं । श्रीकृष्ण संसार के प्रथम सत्याग्रही हैं"
इसके अलावा नीरू ने चावल पर गीता का सार लिख कृति बनाई, जिसमें 355 से अधिक चावल पर लेखन किया है ।
इससे पूर्व में निरू छाबडा की ''परिग्रह से अपरिग्रह'' कृति, जिस पर प्रकृति बचाने का संदेश लिखा था देख राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरे देश वासियों के लिये संदेशात्मक बताते हुए सराहना की । कलाकार निरू छाबड़ा अपनी कला के माध्यम से “धरती का आवरण-ये सुन्दर पर्यावरण” अभियान के द्वारा लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है। नीरू देश में एक चावल पर ब्रश से 108 अक्षर लिखने व कलाकृतियाँ बनाने वाली पहली महिला कलाकार हैं । गत 36 वर्षो से चावल पर लिखकर कलाकृतियां बना रही है। उन्होंने संदेशात्मक व देश भक्ति से ओत-प्रोत, पर्यावरण संरक्षण, धार्मिक संदेश, मंत्र के लेखन कर चावल की कलाकृतियां बनाकर देश विदेश के प्रख्यात व प्रसिद्ध महानुभावों व महान हस्तियों को भेट की है।
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