💥केस 2 :- बुजुर्ग दंपती आवंटन पत्र को समझ रहे थे पट्टा, प्री-कैम्प और सर्वे से मिली जानकारी तो मिला असल अधिकारः-
अम्बेडकर नगर कच्ची बस्ती निवासी सुन्नलाल एवं उनकी पत्नी कल्याणी देवी को वर्ष 1999 में कच्ची बस्ती का जो आवंटन पत्र मिला था वे उसे ही पट्टा समझते थे। उन्होंने आवंटन पत्र के आधार पर कई बार बैंक से लोन प्राप्त करना चाहा किन्तु बैंक द्वारा बार-बार उनके लोन आवेदन को खारिज कर दिया जाता था। अभियान के तहत आयोजित किये गये प्री-कैम्प में जब दंपती आये तो उन्हें पट्टा प्राप्त करने की प्रक्रिया की जानकारी मिली। इसके साथ ही निगम कार्मिकों द्वारा घर-घर सर्वे के दौरान दंपती को पट्टे के लिये आवेदन करने हेतु प्रेरित किया गया। निगम अधिकारियों एवं कार्मिकों ने दंपती से आवष्यक दस्तावेज प्राप्त कर निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुये दंपती को पट्टा प्रदान किया। पट्टा मिलने पर दंपती ने कहा कि अब हमें पोतीयों का विवाह करने और अन्य जरूरी कामों के लिये लोन लेने में परेषानी नहीं होगी। उन्होंने सरकार को अभियान चलाने के लिये धन्यवाद दिया।
💥केस 3:- मालवीय नगर जोन के मानसिंहपुरा निवासी रामस्वरूप गुर्जर को वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री शहरी जनकल्याण योजना के अन्तर्गत स्टेट ग्रान्ट एक्ट के तहत पट्टा जारी किया गया था। जिसको 3 साल में रजिस्ट्रर्ड करवाना था। आवेदक द्वारा समयावधि पर पट्टा रजिस्ट्रेषन नहीं करवाया गया। इस कारण आवेदक पिछले 5 साल से सरकारी ऑफिस में पट्टा प्राप्ति के लिये चक्कर लगा रहा था। प्रषासन शहरों के संग अभियान में प्रार्थी ने पट्टा प्राप्ति हेतु आवेदन किया। जोन द्वारा तत्काल विज्ञप्ति प्रकाषित कर और आवष्यक कार्यवाही कर मात्र 24 दिन में प्रार्थी को स्टेट ग्रान्ट एक्ट के तहत 128.33 वर्गगज का पट्टा प्रदान किया गया।
Comments