💥भारद्वाज ने 2002 मे पहली बार दुध महोत्सव किया आयोजित
"दूध महोत्सव" जैसी स्वच्छ परम्परा की पहली बार शुरुआत 31 दिसंबर 2002 को राजस्थान विश्वविद्यालय के द्वार से उस समय एनएसयूआई से यूनिवर्सिटी अध्यक्ष बने पुष्पेन्द्र भारद्वाज के द्वारा की गई थी । नववर्ष पर दुध पिलाने की नई सामाजिक पहल और क्रांति को प्रदेश ही नही अपितु पूरे देश मे एक नए जोशीले अंदाज में लोगो ने स्वागत किया । पीसीसी सचिव पुष्पेंद्र भारद्वाज ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि मेरी इस पहल ने लोगो को वेस्टर्न फेस्टिवल पर भी भारतीय संस्कृति और परम्परा के साथ जोड़े रखा । उन्होने बताया कि जब 2002 में पहले दूध महोत्सव का आयोजन हुआ उसमें तत्कालीन समय के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिरकत कर इस नई पहल को काफ़ी सराहा था। जयपुर के कलेक्टर सुधांशू पंत, एसपी संजय अग्रवाल सहित कई मंत्री व विधायको ने विश्विद्यालय के द्वार पर पहुच कर गरमा गर्म दूध पीकर कार्यक्रम और इस अनूठी पहल को प्रोत्साहित किया । आज इस "दूध महोत्सव"को नव वर्ष की पूर्व संध्या पे पूरे भारत देश के कोने कोने में लोग मनाने लगे है । सम्पूर्ण राजस्थान में 2000 से भी ज्यादा जगह लोग दूध पिलाते है । जहां 10 लाख से ज़्यादा भारतवासी दूध पीकर नववर्ष को अलग अन्दाज़ में सेलब्रेट करते है। अकेले जयपुर शहर में 500 से ज्यादा जगह दूध पिलाकर नववर्ष का स्वागत किया जाता है । एक अनुमान के मुताबित 10 लाख से ज्यादा युवा और आमजन नव वर्ष की पूर्व संध्या पे दूध पीते है ।
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