💥कथासार
नाटक में दो भाइयों के परिवार में आपसी प्यार और लड़ाई को बहुत ही ख़ूबसूरती से मंचित किया गया । औरतों की दुनिया बहुत गहरी और अलग किस्म की होती है। इस दुनिया की भीतरी परतों तक शायद ही कोई मर्द पहुंच पाता हो। घर के दो मर्द जब आपस में लड़ाई करते हैं तो बाहरी समाज शायद यही सोचता है कि इनकी पत्नियां इन्हें भड़काती हैं और इन्ही के कारण भाइयों में मतभेद हैं। सारे ताने, सारे इल्जाम औरतों को ही झेलने पड़ते हैं। परंतु कोई जानता नहीं की परिवार के मर्दों की आपस की लड़ाई में औरतें कितना कुछ खो देती हैं और इन रिश्तों की दुनियां मे जब कोर्ट कचहरी का आगमन होता है तो सबसे ज़्यादा तकलीफ औरतों को ही होती है। औरतें अपनी एक ऐसी दुनियां चाहती हैं जहां कोई मतभेद, झगड़ा, ईर्ष्या, द्वेष नहीं हो। हो तो बस प्यार, सौहार्द और अपनापन। बस औरतों की दुनिया ऐसी ही दुनिया होती है ।
प्रस्तुती में अन्नपूर्णा ने दो भाई उनकी पत्नी एवम बच्चों सहित अलग-अलग करीब 10 पात्रों को बड़ी खूबसूरती से पेश किया । नाटक में प्रकाश व्यवस्था दीपक गुप्ता की थी ।
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