रिति रिवाज व परम्परा की खुशबू में लिपटी गुलाबी नगरी की गुलाबी हवा क्या रंग बदल रही है...

गुलाबी नगरी में 11 व 12 अक्तूबर को होटल्स में करीब 15 कार्यक्रम "करवा चौथ" की परम्परा के नाम पर हो रहे है उन्ही को देखकर मन मे जिज्ञसा हुई रिति रिवाज व परम्परा को लेकर एक समाजिक प्रश्न उठा कि क्या ये कार्यक्रम करवा चौथ की परम्परा में शामिल है या नही। इसी को समर्पित मेरा ये लेख है
रीमा गोधा की कलम से✍

आसोज में बारिश की बूंदे व सर्द गुलाबी हवा में महकी परम्परा व त्योहारो की खुशबू के बीच मन में एक जिज्ञसा का प्रश्न उठा। पंचांग के अनुसार करवा-चौथ का त्योहार 13 अक्तूबर 2022 को मनाया जाएगा। फिर 11 व 12 अक्तूबर को महिलाए चौथ का चांद देखे बिना, चौथ माता का व्रत रखे बिना, माथे पर सिन्दूर सजाये बिना कौनसी करवा-चौथ की परम्परा निभा रही है। जैन धर्म में करवा-चौथ का त्योहार मनाने की परम्परा नही है। मैने जैन कुल में जन्म लिया है इस कारण शायद मुझे करवा चौथ के त्योहार की ज्यादा जानकारी नही है। लेकिन फिल्मो में, टीवी सिरियल में अक्सर देखा  चौथ का चांद देखकर पूजा करके पति दवारा सुहागिने अपना व्रत खोलकर रिति-रिवाज से पति के संग या परिवार की महिलाओ के संग ये त्योहार मनाती है। मेरी कुछ ब्राह्मण कुल की सखियो, हिन्दू सखियो, मेरे मोहल्ले की महिलाओ को भी अक्सर देखा है कि तीज या सिन्जारा के दिन मेंहदी लगाती है। तीज पर नया सुहाग का समान या चूडिया खरीदती है। फिर अगले दिन चौथ का व्रत रखती है फिर चांद देखकर व्रत खोलती है पति व परिवार की लंबी उम्र की प्रार्थना करती है। मुझे ये समझ नही आ रहा कि करवा चौथ का चांद तो 13 अक्तूबर को नज़र आएगा, व्रत भी 13 को रखा जाएगा। चौथ भी 13 अक्तूबर की है। तो फिर जयपुर में जगह जगह 11 व 12 अक्तूबर को बिना चौथ का चांद देखे, बिना व्रत रखे, नया सुहाग का समान खरीदे बिना ये कौनसी करवा चौथ के त्योहार की परम्परा निभाई जा रही है। जिसमे सुहागिने, एकल महीलाए, तलाकशुदा महीलाए, विधवा महीलाए आविवाहित महीलाए, गरीब व अमीर महीलाए, सभी जाति धर्म समुदाय की महीलाए एकत्र होकर कर चौथ का चांद देखे बिना ये कौनसा करवा चौथ का कार्यक्रम कर रही है। मुझे इस रिति रिवाज की ज्यादा जानकारी नही है इसलिए हिन्दू समाज की महिलाओ से जिज्ञासा वश पूछ रही हूं । क्या दूज व तीज को भी चांद देखकर करवा-चौथ मनाया जा सकता है क्या 🤔 कोई भी महिला चाहे वो सुहागिन हो या ना हो..क्या करवा चौथ की परम्परा निभा सकती है। जिंदगी में पति का अस्तित्व ही नही है या माथे पर सिन्दूर लगाये बिना भी करवा चौथ की परम्परा निभा सकते है क्या। क्योकि 11 व 12 अक्तूबर के करवा चौथ के कार्यक्रमो की बहार देखकर मन में इस परम्परा व रिति रिवाज को लेकर  कई सवाल उठे।  असल जानकारी हासिल करने की जिज्ञसा हुई, इसलिए पुछ लिया। गुलाबी नगरी की गुलाबी  हवा रिति रिवाज व परम्परा के साथ महकती है। अगर इसका रंग बदलने लगे तो मन में कही उथल पुथल या जिज्ञासा होने लगती है। सभी महिलाओ को दूज व तीज वाली 11 व 12 अक्तूबर वाली करवा चौथ की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं 💐 महिलाओ जागो.. डरो नही, निर्भय बनो
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