चतुर्थ बहुभाषीय राष्ट्रीय मरू नाट्य महोत्सव 17 व 18 नवम्बर को

बिंदास बोल @ जयपुर : यूनिवर्सल थियेटर एकेडमी जयपुर अपना चतुर्थ बहुभाषीय राष्ट्रीय मरू नाट्य समारोह 2022 का आगाज दिनांक 17 नवम्बर 2022 से रवीन्द्र मंच पर कर रही है। इस दो दिवसीय नाट्य समारोह में अलग-अलग भाषाओं के तीन नाटकों का मंचन किया जाएगा। समारोह का उद्घाटन विशिष्ट अतिथि लक्ष्मण व्यास (अध्यक्ष-ललित कला अकादमी, जयपुर) द्वारा दीप प्रज्जवलन करके किया जाएगा। समारोह के प्रथम दिन दो नाटकों का मंचन एवं समारोह समापन संध्या में एक नाटक का मंचन किया जाएगा। प्रथम दिन की संध्या में पहला नाटक सांय 6 बजे से एवं दूसरा नाटक सांय 7-30 बजे से रवीन्द्र मंच के मिनी थियेटर किया जाएगा। दूसरे दिन की संध्या में सांय 7 बजे से नाटक का मंचन किया जाएगा
यूटीए अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक केशव गुप्ता ने बताया कि यह समारोह संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। इस समारोह में 17 नवंबर को पहला नाटक राजस्थानी भाषा में तेजे रो तेज, दूसरा नाटक संस्कृत भाषा में बलिदानम्  का मंचन किया जाएगा।
💥17 नवम्बर सांय 6.00 बजे "तेजे रो तेज" राजस्थानी नाटक का मंचन
समारोह का आगाज सांय 6 बजे से राजस्थानी नाटक तेजे रो तेज से किया जाएगा। नाटक की कहानी वीर तेजाजी पर आधारित है। हमारे लोक अंचल में ऐसे अनगिनत लोकनायक हुए जिन्होंने अपने प्राण और वचन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन ना जाई जैसे दोहा राजस्थान के प्रमाणों के कारण ही तो एक कहावत बन गया। नाटक तेजे रो तेज का चरित्र नायक तेजा भी एक ऐसा नायक है जिसके अतुल्य बल और दुर्लभ वचन बद्धता ने एक गाथा को जन्म दे दिया। आज राजस्थान के अंचलों में वीर तेजाजी महानायक के रूप में पूज्यणीय है। नाटक को म्यूजिकल फार्म में रखा गया है।  
कल्पना संगीत एवं थियेटर संस्थान, बीकानेर द्वारा प्रस्तुत नाटक तेजे रो तेज में मां-संतोष गौड़, तेजो-भरत राजपुरोहित, भाभी-दीपिका सिंह, मीणा सरदार-योगेश हर्ष, नागराज-राहुल चावला, भोपा-सुनील व्यास सोनू, मिनख-केशव शर्मा, लाच्छा गूजरी-वर्षा बजाज, पेमल-पूजा आचार्य आदि कलाकारों ने अभिनय किया है। नाट्य पाश्र्व में प्रकाश व्यवस्था-सुरेश बिस्सा, रूपसज्जा-असलम खान, वेशभूषा-प्रियंका पुरोहित, तबला वादन-नवल गुरू, प्रदर्शन प्रभारी-संजीव पुरोहित, कोरस गायन-संजीव पुरोहित, भूवेश, जयवर्द्धन, राहुल, पूजा, दीपिका, वर्षा एवं हेमन्त का रहेगा। नाटक का लेखन इकबाल हुसैन एवं परिकल्पना, संगीत एवं निर्देशन विपिन पुरोहित का होगा।। नाटक की प्रस्तुति कल्पना संगीत एवं थियेटर संस्थान, बीकानेर की होगी।
💥17 नवम्बर सांय 7.30 बजे बलिदानम् संस्कृत नाटक मंचन
17 नवम्बर को ही दूसरा नाटक संस्कृत भाषा में श्बलिदानम्श् सांय 7-30 बजे से युव तरंग संस्कृत नाट्य दल, जयपुर के कलाकार मंचित करेगें। नाटक बलिदानम् पन्नाधाय की कथा पर आधारित है। मेवाड़ की भूमि संपूर्ण विश्व में त्याग बलिदान स्वाभिमान एवं संघर्ष के लिए संपूर्ण विश्व में एक विशेष स्थान रखती है यहां प्रत्येक कालखंड में ऐसे विशिष्ट व्यक्तित्व ने जन्म लिया है जिन्होंने अपने असद कार्यों से विश्व के सामने अजीत ही उदाहरण प्रस्तुत किए हैं पन्नाधाय मेवाड़ की ऐसी ही एक वीरांगना रही है जिन्होंने स्वामी भक्ति और मातृभूमि की भक्ति का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया और युवराज उदय सिंह की रक्षा के लिए अपने पुत्र चंदन का बलिदान कर दिया। प्रस्तुत नाटक उस बलिदान की रात युवराज उदय सिंह के शयनकक्ष में हुई घटनाक्रम को रेखांकित करता है। अपने पुत्र चंदन के बलिदान के समय वीरांगना पन्ना के मन में क्या विचार आए होंगे, कितने कठोर मन से उन्होंने यह निर्णय किया होगा जैसे भावों को प्रदर्शित करने का इस नाट्य प्रस्तुति में प्रयास किया गया है। इस नाटक की प्रेरणा दीपदान एकांकी से ली गई है ।
युव तरंग संस्कृत नाट्य दल, जयपुर द्वारा प्रस्तुत नाटक श्बलिदानम्श् में मुख्य भूमिका में सूत्रधार-अर्जन देव, नटी-प्रिया शर्मा, सामली-योगिता, सखी-मोना राठोर, कीरत बारी-रमेश राजपुरोहित, पन्नाधाय-प्रियंका इंदौरिया, बनवीर-दीपक भारद्वाज हैं। नाटक के मंच पाश्र्व में मंच सज्जा-बलवीर चौधरी, रूपसज्जा-निहारिका जैन, संगीत-अर्जुन देव, प्रकाश-शहजोर अली, पाश्र्व स्वर- डाॅ. फिरोज़, देवांग भट्ट एवं सहनिर्देशन-संदीप कुमार शर्मा ने किया है। नाटक का लेखन, परिकल्पना एवं निर्देशन दीपक भारद्वाज ने किया है। नाटक की प्रस्तुति युव तरंग संस्कृत नाट्य दल, जयपुर की होगी।
💥18 नवम्बर "जैसा तुम कहो"हिन्दी नाटक मंचन 
नाटक जैसा तुम कहो का मंचन समारोह की समापन संध्या पर 18 नवम्बर 2022 को सांय 7 बजे से किया जाएगा। नाटक का लेखन जयवर्धन एवं निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी केशव गुप्ता ने किया है।
केशव गुप्ता ने बताया कि जयवर्धन द्वारा लिखित नाटक जैसा तुम कहो बिना विचारे जो करे वो पाछे पछताय कहावत को चरितार्थ करता है। नाटकएक फैमिली ड्रामा है जिसमें पति-पत्नि की नोंक झोंक के माध्यम से कहानी को आगे बढ़ाया गया है साथ ही बच्चों के विदेशों में सैटल हो जाने के मुद्दे के दर्द को भी रेखांकित करने की कोशिश की गई है। नौकर की भूमिका को विदुषक की तरह पेश किया गया है। नाटक में आम घटनाओं के माध्यम से भारतीय लोगों के विदेशी आकर्षण पर कटाक्ष किया गया है।
नाटक में पुरूषोत्तम राना-अर्जुन देव, लक्ष्मी-ऋचा पालीवाल, कमल सक्सेना-माधव अवतार, दीपा सक्सेना-रिया सैनी, मंगल-अमन कुमार मुख्य भूमिका में होगें। नाट्य पाश्र्व में वॉइस ओवर-चन्द्रप्रताप सिंह, प्रकाश व्यवस्था-सावन कुमार, रूपसज्जा-असलम पठान, वस्त्र सज्जा-रिचा पालीवाल, पाश्र्व संगीत-जगदीश चारण, मंच सज्जा-धर्मेन्द्र भारती, बैक स्टेज-आशा गुप्ता, प्रस्तुति प्रबन्धक-सीमा गुप्ता एवं उद्घोषण-के. के. कोहली का होगा। नाटक की परिकल्पना एवं निर्देशन केशव गुप्ता द्वारा की गई है। नाटक की प्रस्तुति यूनिवर्सल थियेटर एकेडमी, जयपुर द्वारा की जाएगी।
नाटक के अन्त में नाट्य निर्देशकों को मोमेन्टो एवं शाॅल उढ़ाकर सम्मानित किया जाएगा।

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