लालकोठी में वैज्ञानिक डॉ. एस. कुमार की एप्रोप्रिएट डाइट थैरेपी सुविधा आरंभ


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मधुमेह को नियंत्रित करेगी डाइट थैरेपी

💥दवाओं से बचाकर निरोगी बनाने का प्रयास

बिंदास बोल @ जयपुर. देशभर में मधुमेह से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के साथ-साथ खान-पान से ही रोग को ठीक करने की अनूठी थैरेपी की सुविधा अब जयपुर में भी शुरू हो गई है। लालकोठी क्षेत्र में ज्योति नगर पुलिस थाने के सामने स्वर्ण पदक वैज्ञानिक डॉ एस. कुमार के एप्रोप्रिएट डाइट थैरेपी सेन्टर ने सेवाएं देना शुरु कर दिया है। रविवार को इस सेंटर का उद्घाटन समारोह पूर्वक हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक (एसीबी) योगेश दाधीच और विशिष्ट अतिथि श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर रघुनाथ धाम, विद्याधर नगर के महंत श्री बाल किशन दास जी महाराज  एवं सेवानिवृत आईएएस डॉ. बीएल जाटावत रहे। समारोह की अध्यक्षता डॉ एस. कुमार एवं डॉ भाग्यश्री स्वर्णकार ने की। इस मौके पर वैज्ञानिक डॉ. एस. कुमार ने कहा कि आहार चिकित्सा एवं दैनिक दिनचर्या में छोटे-मोटे बदलाव कर मधुमेह, किडऩी, हृदय, रक्तचाप एवं कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से निजात पाई जा सकती है।  बीमारियों का प्रमुख कारण शरीर में पाए जाने वाले तत्वों का असंतुलन है। अधिकांश लोग सात्विक भोजन की बजाय अधिक तला-भुना, मसालेदार एवं अधिक नमक वाला भोजन कर रहे हैं। इससे घर-घर में मधुमेह एवं रक्तचाप के मरीज बढ़ रहे हैं। डॉ. कुमार ने बताया देश में 97 फीसदी लोग बढ़ी हुई शुगर के कारण मधुमेह के दवाएं ले रहे हैं, जबकि डायट थैरेपी से शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है। मुख्य अतिथि योगेश दाधीच ने कहा कि भाग दौड़ की जिंदगी में सभी की दिनचर्या बिगड़ गई है। इस तरह की थैरेपी वाकई कारगर साबित होगी, खासकर मधुमेह रागियों को इसका लाभ मिलेगा। एवीएस वैलनेस कंपनी के अभिषेक यादव ने अतिथियों का स्वागत किया। 

सात्विक भोजन से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता-डॉ. कुमार

जयपुर थैरेपी सेंटर के उद्घाटन अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में डॉ. कुमार ने बताया कि भोजन मीठा, नमकीन, खट्टा, तीखा, कड़वा एवं कसैला आदि सभी छहों रसों से युक्त होना चाहिए। रसों की अधिकता या कमी मनुष्य को शरीर की प्रकृति के अनुसार करनी चाहिए। भारत में अधिकांश लोग अम्लीय पदार्थ जैसे दूध, नमक, सोयाबीन तेल आदि ज्यादा खाते हैं। इससे हड्डियां कमजोर होती है। शरीर कई बीमारियों से घिर जाता है। अम्लीय पदार्थ अधिक लेने से देश में बड़ी संख्या में लोग एसिडिटी एवं पेट की समस्याओं से ग्रसित हो रहे हैं। हमारे शरीर में रोगों से लडऩे की क्षमता है। हमें ऐसा भोजन करना चाहिए, जो कि हमारे शरीर को ऊर्जा देकर रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं। लोगों को तला-भुना एवं गरिष्ठ भोजन तथा अनावश्यक दवाएं लेने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल्दबाजी की बजाय खूब चबा-चबा कर खाना चाहिए। इससे लार अच्छे से बनती है, जो भोजन पचाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

💥सम्पर्क💥

एप्रोप्रिएट डाइट थैरेपी सेन्टर

ई-700, नकूल पथ, लाल कोठी योजना,ज्योति नगर थाने के सामने, जयपुर

9773331661 एवं 9773331662

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