मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी से ग्रसित रोगियों की समस्याओ को लेकर पीयूसीएल में हुई बैठक

बिंदास बोल @ जयपुर : पीयूसीएल के राज्य कार्यालय पर शनिवार को राजस्थान के “मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी से ग्रसित रोगियों” की  समस्याओ और दिव्यांगता में दर्जा देने हेतु बैठक का आयोजन हुआ। पीयूसीएल राष्ट्रिय अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव के नेतृत्व में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारियों से ग्रसित बच्चो के परिवारजन और पीयूसीएल राजस्थान व जयपुर इकाई के पदाधिकारी व सदस्यों ने भाग लिया। 

इसमें सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग जयपुर की डिप्टी डायरेक्टर कविता थपलियाल, उमंग संस्था की डायरेक्टर दीपक कालरा, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी कोर ग्रुप के राष्ट्रीय संयोजक राम गोपाल शर्मा, बजट विश्लेषण और अनुसंधान केंद्र के निदेशक नेसार अहमद, दलित महिला आंदोलन की सुमन देवठिया, समाज सेविका रीमा गोधा (पत्रकार) व अधिवक्ता अखिल चौधरी ने भी शिरकत की।

इसमें जयपुर, केकड़ी, फुलेरा सहित राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रो से आये मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारियों से ग्रसित रोगियो के परिवारजन शामिल हुए। कविता श्रीवास्तव ने बताया कि भगवान सिंह के दोनो बच्चे मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी से पीडित है।पीडित रोगी भूषण पानेरी जो यूपीएससी की परिक्षा की तैयारी कर रहा है, मांसपेशियो की प्रगतिशील कमजोरी के कारण कही भी जा नही सकता है, जूम एप के जरिए पीयूसीएल को अपनी समस्याओ से अवगत करवाया। वही बैठक में शमिल परिवारजनो ने बताया कि इस बीमारी में पीडित बच्चो की मांसपेशिया दिन प्रतिदिन कमजोर होती जाती है। ऐसे में घर में एक अभिभावक पीडित बच्चो को संभालता है और एक कामता है। ऐसे में उन्हे कई परेशनियो का सामना करना पडता है। परिवारजन ने रोग ग्रसित  बच्चों के हक और सम्मानपूर्वक जीवन जीने के लिए पीयूसीएल के समक्ष मांगें रखी। पीयूसीएल इन रोग ग्रसित बच्चो के हक के लिये मुख्यमन्त्री, मंत्री टीकाराम जूली, चीफ सेकेट्री उषा शर्मा, प्रिंसिपल सेक्रेट्री समित शर्मा से मुलाकात करेगा और सरकार को इनकी समस्याओ व मांगो से अवगत करायेगा।

इस मौके पर सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग जयपुर की डिप्टी निदेशक कविता थपलियाल ने दिव्यांग व डिसेबल बच्चो व रोगियो से संबंधित सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी दी और कहा कि रोग ग्रसित बच्चे जिसको दिव्यांंगता पेंशन मिल रही है उन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून से जोडा जा रहा है व साथ ही उनके परिवार को बीपीएल परिवार की सभी सुविधाए भी मिलेगी। इसके अलावा बैठक के दौरान निम्न मांगो व मुद्दो पर चर्चा की गई ।

💥 मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारियों से ग्रसित बच्चे व रोगियों के लिए प्रशिक्षित और वेतनभोगी केयर टेकर उप्लब्ध करवाया जाये

💥गम्भीर बीमारी से ग्रसित को पावर एंबुलेंस व्हील चेयर उप्लब्ध हो

💥मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारियों से ग्रसित बच्चे व रोगियों को विकलांगता का दर्जा दिया जाए व उन्हे आर्थिक सहायता व पेंशन की सहुलियत मिले।

💥 विदेश में बनाई गई दवाई पीडित बच्चो को मेडिकल विभाग द्वारा उप्लब्ध करवाई जाए।

💥 मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारियों से ग्रसित बच्चे व रोगियों के लिए बजट बनाना चाहिए। 

💥मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारियों से ग्रसित बच्चे  के लिए स्कूल व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर आने जाने रेम्प बनाया जाये।

💥मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारियों से ग्रसित बच्चे व रोगियों के लिए पेंशन में पंजीकरण करवाना। 

💥 मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारियों से ग्रसित बच्चे व रोगियों के लिए आश्रय स्थल (शेल्टर) होना अनिवार्य हो सम्पूर्ण सुविधाओं के साथ। 

💥 मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारियों से ग्रसित बच्चे व रोगियों के लिए स्कूल व अस्पताल में अलग से एक सेक्शन होना जरुरी 

💥 मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारियों से ग्रसित बच्चे व रोगियों के लिए जिला स्तर पर अस्पताल में बीमारी के लिए कलेक्शन सेंटर होना चाहिए और इस बीमारी से वाकिफ हो ट्रेंड स्टाफ चाहिए।

💥 मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारियों से ग्रसित बच्चे व रोगियों जो सक्षम नहीं होते है उन्हें ऑटोमई व्हीलचेयर दी जाये 

💥मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारियों से ग्रसित बच्चे व रोगियों के लिए राजस्थान प्रदेश स्तर पर जागरूकता अभियान चलाना चाहिये।

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