नेट थिएट पर उप शास्त्रीय संध्या का आयोजन

💥लगन बिन जाने न निरमोही, बिना लग्न की प्रीत बावरे ओस नीर जसू धोई

बिंदास बोल @ जयपुर  नेट थिएट कार्यक्रमों की श्रंखला में शनिवार को युवा उप शास्त्रीय कलाकार सुनील सैनी ने राग बागेश्वरी में *बलमा मोरी तोर संग लागली प्रीत,घर आंगना कछु नाही भावे* को द्रुत लय में बड़े सुरीले अंदाज में प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोहा।

नेट थिएट के राजेंद्र शर्मा राजू ने बताया कि कलाकार सुनील ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना *रख लाज मोरी गणपति*से की। इन्होंने अपने गायन मे *जिनको नहीं है बोध तो गुरु ज्ञान क्या करें, निज रूप को जाना नहीं पुराण क्या करें* को द्रुत लय में  प्रस्तुत कर अपनी गायकी का परिचय दिया। इसके बाद एक *लगन बिन जाने न निरमोही, बिना लग्न की प्रीत बावरे ओस नीर जसू धोई* सुनाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया । इनके साथ तबले पर शकील खान और हारमोनियम पर शेर अली खान ने अपनी संगत से कार्यक्रम को परवान चढ़ाया । कार्यक्रम संयोजक नवल डांगी, प्रकाश एवं कैमरा मनोज स्वामी, संगीत विनोद सागर गढ़वाल और मंच सज्जा  जीवितेश शर्मा और अंकित शर्मा नोनू की रही ।

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