बिंदास बोल @ जयपुर : मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिये हैं कि गर्मी में बेहतर पेयजल आपूर्ति के लिए कंटीन्जेंसी प्लान के कार्योें को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पूर्ण कराएं। जिला कलेक्टर तीन दिन में सांसदों-विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों से सुझाव लेकर स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप योजना तैयार कर कार्यवाही करें।
मुख्यमन्त्री ने निवास पर पेयजल आपूर्ति के संबंध में सभी जिला कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की। जिला कलेक्टर एवं जलदाय विभाग के अधिकारी सुनिश्चित करें कि प्रदेश में पेयजल को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं हो। इसके लिए आरओ, हैंडपम्प एवं ट्यूबवैल मेंटीनेंस, पाइपलाइनों की मरम्मत एवं विस्तार, टैंकर से आपूर्ति सहित अन्य कामों में तेजी लाएं। साथ ही जिन जिलों में पेयजल परिवहन की आवश्यकता हो, वहां के लिए एडवांस प्लान तैयार करें। हैण्डपम्प एवं ट्यूबवैल की जो स्वीकृतियां लंबित हैं, उन्हें तुरंत जारी किया जाए। राज्य सरकार का प्रयास है कि पेयजल समस्या के स्थायी निराकरण के लिए प्रदेशभर में पेयजल से संबंधित सभी लंबित प्रोजेक्ट तेजी से पूरे हों। अधिकारियों को निर्देश दिए कि लंबित परियोजनाओं को गति देने के लिए एक विशेष टीम बनाई जाए, जो निरंतर मॉनीटरिंग कर इन प्रोजेक्ट्स को जल्द से जल्द पूरे करवाएं। जनता के हित में शुरू किए गए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं होने से न केवल उनकी लागत बढ़ती है, बल्कि लोगों को उनका समय पर लाभ भी नहीं मिल पाता।
जिला स्तर पर पेयजल से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए नियंत्रण कक्ष मुस्तैदी से काम करें। लोगों की शिकायतों का जल्द से जल्द निराकरण किया जाए। जिला कलेक्टर हर सप्ताह होने वाली समीक्षा बैठक में पेयजल आपूर्ति की आवश्यक रूप से समीक्षा करें। हर गांव-ढाणी तक पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए।
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